जल कुंभी (Water hyacinth) (Eichhornia crassipes) पानी में तैरने वाला एक प्रकार का पौधा है जो मूलत: अमेज़न का है लेकिन अब पूरे विश्व में फैल गया है।
जल कुम्भी सबसे पहले भारत में बंगाल में अपने खुबसूरत फूलोंं और पत्तियों के आकार के कारण लाया गया था। भारत में इसे बंगाल का आतंक (Terror Of Bengal) भी कहा जाता है। यह पौधा रुके हुए जल मे सार्वाधिक वृध्दि करता है जो जल से ऑक्सीजन खीच लेता है जिसके परिणाम स्वरूप मछलियां मर जाती हैं। यह एक बहुत तेजी से फैलने वाला खरपतवार है। यह जैव विविधता ह्रास का भी एक कारण हैं जो अनेक जलीय प्रजातियो को अपनी उपस्थिति के कारण नष्ट कर देता हैं। यह कायिक प्रवर्धन तीव्र गति से होता है जो अल्प समय मैं ही सम्पूर्ण जलाश्य मे फ़ैल जाता है और उसे ढक् देता है इससे छुटकारा पाना बहौत कठिन है लकिन यह इस मायने मे उपयोगी है कि औद्धोगिक बहिस्त्राव द्वारा किए
इसे 'महाविपति'( वाटर हायासिंथ) के नाम से भी जाना जाता है। यह वनस्पति घटनकीय दौर से वनस्पतीय प्रजनन ( phenomenal rate ) करके बहुत जल्दी से बद जाता है यही इसकी खासियत है
जल कुंभी (Water hyacinth) (Eichhornia crassipes) पानी में तैरने वाला एक प्रकार का पौधा है जो मूलत: अमेज़न का है लेकिन अब पूरे विश्व में फैल गया है।
जल कुम्भी सबसे पहले भारत में बंगाल में अपने खुबसूरत फूलोंं और पत्तियों के आकार के कारण लाया गया था। भारत में इसे बंगाल का आतंक (Terror Of Bengal) भी कहा जाता है। यह पौधा रुके हुए जल मे सार्वाधिक वृध्दि करता है जो जल से ऑक्सीजन खीच लेता है जिसके परिणाम स्वरूप मछलियां मर जाती हैं। यह एक बहुत तेजी से फैलने वाला खरपतवार है। यह जैव विविधता ह्रास का भी एक कारण हैं जो अनेक जलीय प्रजातियो को अपनी उपस्थिति के कारण नष्ट कर देता हैं। यह कायिक प्रवर्धन तीव्र गति से होता है जो अल्प समय मैं ही सम्पूर्ण जलाश्य मे फ़ैल जाता है और उसे ढक् देता है इससे छुटकारा पाना बहौत कठिन है लकिन यह इस मायने मे उपयोगी है कि औद्धोगिक बहिस्त्राव द्वारा किए
वाले जल प्रदुषण को रोकने मे प्रभावी होता है !यह कायिक परवरधन दुरत गति से करता हुआ अल्प समय में ही पुरे जलाशय को ढका देता हैं!इसे 'महाविपति'( वाटर हायासिंथ) के नाम से भी जाना जाता है। यह वनस्पति घटनकीय दौर से वनस्पतीय प्रजनन ( phenomenal rate ) करके बहुत जल्दी से बद जाता है यही इसकी खासियत है