प्लैटीपुस (Platypus), जो बत्तखमुँह प्लैटीपस (duck-billed platypus) भी कहलाता है, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला एक स्तनधारी प्राणी है। यह स्तनधारियों के मोनोट्रीम गण की पाँच ज्ञात जातियों में से एक है (अन्य चार एकिडना की जातियाँ हैं), जो स्तनधारी होने के नाते अपने शिशुओं को दूध तो पिलाते हैं लेकिन जिनमें माता गर्भ धारण करने की बजाए अण्डे देती है।[2] पूरे स्तनधारी समुदाय में अण्डे देने वाली केवल यही पाँच जातियाँ है। क्रमविकास (एवोल्यूशन) की दृष्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह जातियाँ उस समय का संकेत हैं जब स्तनधारी नये-नये विकसित हो रहे थे और उनमें गर्भ में शिशु विकसित करने की क्षमता उत्पन्न नहीं हुई थी। इसलिए इन्हें जीवित जीवाश्म की श्रेणी में भी डाला जाता है।[3]
जब सन् १९९९ में यूरोपीय जीववैज्ञानिकों ने सबसे पहले एक प्लैटीपुस का मृत शरीर देखा तो उसके बत्तख जैसी थूथन, बीवर जैसी मोटी-चपटी दुम और ऊदबिलाव जैसे पैर देखकर उन्होंने ऐसे प्राणी का अस्तित्व मानने से इनकार कर दिया और अलग-अलग प्राणियों के अंगों को जोड़कर धोखा देने का आरोप लगाया।[4]
प्लैटीपुस उन बहुत कम स्तनधारियों में से है जो विष से अपनी रक्षा कर सकते हैं। नर प्लैटीपुस के पिछली पैरों की एड़ी पर एक कांटा बना होता है जिसे खोबकर वह अन्य प्राणी में विष डाल सकता है। यदि मानव को यह लग जाए तो आमतौर पर मृत्यु तो नहीं होती लेकिन भयंकर पीढ़ा अवश्य होती है। माना जाता है कि जैसे प्लैटीपुसों में सरिसृपों की भांति अण्डें देने की प्रवृति बची हुई थी उसी प्रकार उसमें विषैले होने की प्रवृति जारी थी। यह गुण आगे विकसित होने वाले स्तनधारियों में लुप्त हो गए।[5][6]
डॉल्फ़िन को छोड़कर, मोनोट्रीम अकेले स्तनधारी हैं जिनमें विद्युतभान की शक्ति है, यानि वे अपने ग्रास प्राणियों की मांसपेशियों में प्रयोग होने वाले विद्युत का बोध कर सकते हैं।[7][8][9] शिकार करने के लिए प्लैटीपुस न तो दृष्टि का प्रयोग करता है और न ही सूंघने की शक्ति का। जब वह जलसमूह में जाता है तो आँख, कान और नाक बंद कर लेता है।[10] झरनों-नदियों में वह नीचे जाकर फ़र्श में स्वयं को मिट्टी में दबा लेता है। फिर विद्युतभान के द्वारा उसे पता होता है कि पास से निकलने वाली कोई वस्तु जीवित है या कोई अजीवित चीज़ है। योग्य ग्रास पास आते ही वह लपकता है। प्रयोगों में देखा गया है कि यदि एक कृत्रिम झींगा बनाकर उसमें से विद्युत निकाली जाए तो प्लैटीपुस उसे पकड़ने की कोशिश करता है और बिना विद्युत के उसपर ध्यान भी नहीं देता।[11]
प्लैटीपुस (Platypus), जो बत्तखमुँह प्लैटीपस (duck-billed platypus) भी कहलाता है, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला एक स्तनधारी प्राणी है। यह स्तनधारियों के मोनोट्रीम गण की पाँच ज्ञात जातियों में से एक है (अन्य चार एकिडना की जातियाँ हैं), जो स्तनधारी होने के नाते अपने शिशुओं को दूध तो पिलाते हैं लेकिन जिनमें माता गर्भ धारण करने की बजाए अण्डे देती है। पूरे स्तनधारी समुदाय में अण्डे देने वाली केवल यही पाँच जातियाँ है। क्रमविकास (एवोल्यूशन) की दृष्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह जातियाँ उस समय का संकेत हैं जब स्तनधारी नये-नये विकसित हो रहे थे और उनमें गर्भ में शिशु विकसित करने की क्षमता उत्पन्न नहीं हुई थी। इसलिए इन्हें जीवित जीवाश्म की श्रेणी में भी डाला जाता है।