चीनी पैंगोलिन (Chinese pangolin), जिसका वैज्ञानिक नाम मैनिस पेन्टाडैक्टाएला (Manis pentadactyla) है, पैंगोलिन की एक जीववैज्ञानिक जाति है जो उत्तरी भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा, उत्तरी हिन्दचीन, ताइवान और दक्षिणी चिन (जिसमें हाइनान द्वीप भी शामिल है) में पाया जाता है।[3] यह पैंगोलिन की आठ जातियों में से एक है और अति-संकटग्रस्त माना जाता है। चीन व पूर्वी एशिया में इसके मांस को खाने से सम्बन्धित कई अन्धविश्वास हैं कि उस से कई रोग ठीक होते हैं हालाकि चिकित्सकों ने इस मान्यता को सरासर झूठ पाया है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के अनुसार पिछ्ले १५ सालों में इसकी संख्या में ज़बरदस्त गिरावट हुई है।[4]
चीनी पैंगोलिन (Chinese pangolin), जिसका वैज्ञानिक नाम मैनिस पेन्टाडैक्टाएला (Manis pentadactyla) है, पैंगोलिन की एक जीववैज्ञानिक जाति है जो उत्तरी भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा, उत्तरी हिन्दचीन, ताइवान और दक्षिणी चिन (जिसमें हाइनान द्वीप भी शामिल है) में पाया जाता है। यह पैंगोलिन की आठ जातियों में से एक है और अति-संकटग्रस्त माना जाता है। चीन व पूर्वी एशिया में इसके मांस को खाने से सम्बन्धित कई अन्धविश्वास हैं कि उस से कई रोग ठीक होते हैं हालाकि चिकित्सकों ने इस मान्यता को सरासर झूठ पाया है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के अनुसार पिछ्ले १५ सालों में इसकी संख्या में ज़बरदस्त गिरावट हुई है।