आंगवांतीबो (Angwantibo) अफ़्रीका के मुख्य महाद्वीप में मिलने वाला निशाचरी (रात्रि में सक्रीय) नरवानर प्राणी होते हैं। यह नरवानर गण के स्ट्रेपसिराइनी उपगण के लीमरिफ़ोर्मीस अधोगण (इन्फ़ाऑर्डर) के लोरिसिडाए कुल में आर्कटिसीबस (Arctocebus) नामक वंश की दो जातियों का साधारण नाम हैं। यह दिखने में पोटो जैसे लगते हैं लेकिन इनका रंग सुनहरा होता है, जिस कारणवश इन्हें सुनहरा पोटो (golden potto) भी कहा जाता है।[1] आंगवांतीबो की दोनो जातियाँ - कालाबार आंगवांतीबो और सुनहरा आंगवांतीबो - दोनों मध्य अफ़्रीका में रहते हैं और उनका विस्तार नाइजीरिया और कैमरून से लेकर कांगो लोकतांत्रिक गणतंत्र के उत्तरी भाग तक है।
आंगवांतीबो का आकार २२ से ३० सेमी तक का होता है और उनकी कोई पूँछ नहीं होती। वज़न ४०० ग्राम तक ही होता है। उनके बालों का रंग पीला-खाकी या सुनहरा होता है। अन्य लोरिसिडाए वंशों की तुलना में इनका थूथन अधिक चोंचीला होता है और उनके गोल कानों के साथ उन्हें भालू जैसा मुखरूप देता है, जिस वजह से उन्हें जर्मन भाषा में "भालू लीमर" (Bärenmaki) कहा जाता है।
वह अकेला रहना पसंद करते हैं, रात्रि को अधिक सक्रीय होते हैं और वृक्ष विचरणी होते हैं। अधिकतर वे झाड़ और वृक्षों के निचले भागों में समय बिताते हैं। दिन के समय पत्तो में छुपकर सोते हैं। अन्य लोरिसिडाए वंशों की तरह वह धीरे हिलते हैं। इनका भोजन कीट और कभी-कभी फल होते हैं। हिलने के धीरेपन से वह अपने ग्रास के बहुत पास पहुँचकर अचानक उसे पकड़ने में सक्षम हैं।
नर अपना क्षेत्र निर्धारित कर लेते हैं और अपने क्षेत्र में उपस्थित सभी मादाओं के साथ बच्चे जन्मते हैं। मादाएँ १३० दिनों के लिये गर्भ धारण करती हैं और उसके बाद एक ही शिशु जन्मती हैं। जब मादा पेड़ों में घूमती है, शिशु अपनी माँ को पेट पर कस कर पकड़े रखता है। कभी-कभी माँ शिशु को किसी डाल पर छोड़कर खाना ढूंढने निकलती है। जन्म के तीन से चार महीनों के बाद शिशु दूध पीना बंद कर देता है और छह मास बाद अपनी माँ को छोड़ देता है। आठ से दस महीनों में बच्चा पूरी तरह बड़ा हो जाता है। औसत आंगवांतीबो अधिक-से-अधिक १३ वर्षों तक जीते हैं।
आंगवांतीबो (Angwantibo) अफ़्रीका के मुख्य महाद्वीप में मिलने वाला निशाचरी (रात्रि में सक्रीय) नरवानर प्राणी होते हैं। यह नरवानर गण के स्ट्रेपसिराइनी उपगण के लीमरिफ़ोर्मीस अधोगण (इन्फ़ाऑर्डर) के लोरिसिडाए कुल में आर्कटिसीबस (Arctocebus) नामक वंश की दो जातियों का साधारण नाम हैं। यह दिखने में पोटो जैसे लगते हैं लेकिन इनका रंग सुनहरा होता है, जिस कारणवश इन्हें सुनहरा पोटो (golden potto) भी कहा जाता है। आंगवांतीबो की दोनो जातियाँ - कालाबार आंगवांतीबो और सुनहरा आंगवांतीबो - दोनों मध्य अफ़्रीका में रहते हैं और उनका विस्तार नाइजीरिया और कैमरून से लेकर कांगो लोकतांत्रिक गणतंत्र के उत्तरी भाग तक है।