अफ़्रीकी नखरहित ऊदबिलाव (अंग्रेज़ी: African clawless otter), जिसे ग्रूट ऊदबिलाव (groot otter) और अंतरीप ऊदबिलाव (cape clawless otter) भी कहते हैं, दुनिया का दूसरी सबसे बड़ी मीठे-पानी में रहने वाली जाति है। यह उप-सहारा अफ़्रीका के सवाना (मैदानी) और जंगल इलाक़ों में नदी-झीलों के पास मिलते हैं। इनकी सबसे बड़ी पहचान इनके बिना नखों वाले और (उँगलियों के बीच) अधूरी जाली-वाले पाँव होते हैं। यह अपनी नाखून रहित लेकिन स्पर्श-सक्षम उँगलियों से पानी में और पत्थरों के नीचे केंकड़े, मेंढ़क और अन्य छोटे जीव खाने के लिए खोजते हैं।[1]
अफ़्रीकी नखरहित ऊदबिलाव की खाल मोटी और मुलायम और पेट पर लगभग रेशमी होती है। इनका रंग गहरा ख़ाकी होता है और चहरे पर सफ़ेद निशान होते हैं जो नीचे गले और सीने तक जाते हैं। इनके पाँवों में पाँच अँगुलियाँ होती हैं लेकिन अँगुली-विपरीत हो सकने वाले अंगूठे नहीं होते। इन अँगुलियों में नाखून नहीं होते सिवाय पीछे के पाँवों की दूसरी, तीसरी और चौथी अँगुलियों में। दुम मिलाकर इनकी लम्बाई 113-163 सेमी के बीच होती है जिसका लगभग एक-तिहाई उनकी दुम में आता है। इनका वज़न 12 से 21 किलोग्राम के बीच होता है।
बसंत की शुरुआत में मादाओं के 2 से 5 बच्चे होते हैं। नर और मादा दिसंबर में बारिशों के दौरान ब्याहते हैं लेकिन फिर अलग होकर जीवन व्यतीत करते हैं। बच्चों का पालन केवल मादाएँ ही करती हैं। मादाओं की गर्भावस्था लगभग दो महीने (63 दिन) चालती है।
अफ़्रीकी नखरहित ऊदबिलाव (अंग्रेज़ी: African clawless otter), जिसे ग्रूट ऊदबिलाव (groot otter) और अंतरीप ऊदबिलाव (cape clawless otter) भी कहते हैं, दुनिया का दूसरी सबसे बड़ी मीठे-पानी में रहने वाली जाति है। यह उप-सहारा अफ़्रीका के सवाना (मैदानी) और जंगल इलाक़ों में नदी-झीलों के पास मिलते हैं। इनकी सबसे बड़ी पहचान इनके बिना नखों वाले और (उँगलियों के बीच) अधूरी जाली-वाले पाँव होते हैं। यह अपनी नाखून रहित लेकिन स्पर्श-सक्षम उँगलियों से पानी में और पत्थरों के नीचे केंकड़े, मेंढ़क और अन्य छोटे जीव खाने के लिए खोजते हैं।